हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत को "मन ला याहज़िर अल-फ़क़ीह" किताब से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
اَلسُّجُودُ عَلی طِینِ قَبْرِ الْحُسَیْنِ علیه السلام یُنَـوِّرُ إِلَی الْأرْضِ السّـابِعـَةِ وَ مَنْ کانَ مَعَهُ سُبْحَةٌ مِنْ طِینِ قَبْرِ الْحُسَیْنِ علیه السلام کُتِبَ مُسَبِّحا وَ إِنْ لَمْ یُسَبِّحْ بِها.
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) ने फ़रमाया:
इमाम हुसैन (अ.स.) की क़ब्र की मिट्टी अर्थात ख़ाके शिफ़ा पर सजदा सातवीं धरती तक नूरानी कर देता है और जो कोई इमाम हुसैन (अ.स.) की क़ब्र की मिट्टी से बनी तस्बीह अपने साथ रखता है, वह उनकी तस्बीह पढ़ने वाला गिना जाता है, भले ही वह तस्बीह न भी पढ़े।
मन ला याहज़िर अल-फ़क़ीह, भाग 1, पेज 268